Class 10 - अम्ल, क्षारक एवं लवण के प्रश्न एवं उत्तर
प्रश्न 1: आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है, तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर : सबसे पहले हम प्रत्येक परखनली में लाल लिटमस पत्र को डुबोएंगे। जिस परखनली में लिटमस पत्र नीला हो जाएगा, वह विलयन क्षारीय होगा।
अब शेष दो परखनलियों में इस नीले लिटमस को डालेंगे — जिस परखनली में यह लाल हो जाए, वह अम्लीय होगी और बचा हुआ विलयन उदासीन (आसवित जल) होगा।
प्रश्न 2: पीतल एवं तांबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?
उत्तर : निम्न कारणों से दही या खट्टे पदार्थ पीतल एवं तांबे के बर्तनों में नहीं रखने चाहिए –
i) ये पदार्थ अम्लीय होते हैं जो धातु से अभिक्रिया करके उसे संक्षारित कर सकते हैं।
ii) इस अभिक्रिया से जहरीले पदार्थ उत्पन्न हो सकते हैं, जिससे भोजन विषाक्त हो सकता है।
iii) यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
प्रश्न 3: धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन-सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर : जब कोई धातु अम्ल के साथ अभिक्रिया करती है, तो सामान्यतः **हाइड्रोजन गैस** उत्पन्न होती है।
उदाहरण: Zn + 2HCl → ZnCl₂ + H₂
जाँच: हाइड्रोजन गैस को जलती हुई मोमबत्ती के पास लाने पर यह 'फट-फट' की आवाज के साथ जलती है, जिससे इसकी पहचान की जाती है।
प्रश्न 4: कोई धातु यौगिक A तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है, तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक से कैल्शियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर : इस अभिक्रिया में धातु यौगिक A = CaCO₃ (कैल्शियम कार्बोनेट) है, जो तनु HCl से अभिक्रिया करता है।
संतुलित समीकरण:
CaCO₃ + 2HCl → CaCl₂ + CO₂ + H₂O
CO₂ गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है।
प्रश्न 5: HCl, HNO₃ आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि एल्कोहोल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
उत्तर : HCl, HNO₃ आदि जल में घुलकर हाइड्रोनियम आयन (H₃O⁺) या H⁺ आयन उत्पन्न करते हैं, जिससे ये अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित करते हैं।
जबकि एल्कोहोल एवं ग्लूकोज H⁺ आयन उत्पन्न नहीं करते हैं, इसलिए वे अम्लीयता नहीं दिखाते।
प्रश्न 6: अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत् का चालक होता है?
उत्तर : अम्ल जल में घुलकर धनायन एवं ऋणायन उत्पन्न करता है।
आयनों की उपस्थिति के कारण यह विलयन विद्युत् का चालक बन जाता है।
प्रश्न 7: शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है?
उत्तर : अम्लीय अभिलक्षण केवल तब दिखाई देते हैं जब H⁺ आयन उत्पन्न हो।
शुष्क HCl गैस जल की अनुपस्थिति में H⁺ आयन उत्पन्न नहीं करती,
इसलिए वह लिटमस पत्र के रंग को नहीं बदलती।
प्रश्न 8: अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित किया जाता है कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में?
उत्तर : अम्ल को जल में मिलाने की प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती है।
यदि जल को अम्ल में डालें, तो अचानक अधिक ऊष्मा उत्पन्न होकर मिश्रण उछल सकता है जिससे जलन या दुर्घटना हो सकती है।
अतः सुरक्षा की दृष्टि से अम्ल को धीरे-धीरे जल में मिलाना चाहिए।
प्रश्न 9: अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H₃O⁺) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?
उत्तर : तनुकरण करने पर जल की मात्रा बढ़ जाती है,
जिससे हाइड्रोनियम आयनों की सांद्रता कम हो जाती है।
प्रश्न 10: जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में अधिक क्षार मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH-) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?
उत्तर : हाइड्रोक्साइड आयन की सांद्रता बढ़ जाती है।
प्रश्न 11: आपके पास दो विलयन ‘A’ एवं ‘B’ हैं| विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है एवं विलयन ‘B’ के pH का मान 8 है| किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय है?
उत्तर : विलयन A का PH मान = 6, विलयन B का PH मान = 8, चूँकि हम लोग जानते हैं कि अम्लों का PH मान 7 से कम तथा क्षारकों का ज़्यादा होता है। इसलिए विलयन A अम्लीय है तथा अत्यधिक H+ आयन की सांद्रता होगी जबकि विलयन B क्षारकीय है।
प्रश्न 12: H+ (aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर : जैसे-जैसे H+ आयन की सांद्रता बढ़ता है तो अम्लीय गुण बढ़ता है जबकि H+ आयन की सांद्रता घटता है तो अम्लीय गुण कम होता है।
प्रश्न 13: क्या क्षारकीय विलयन में H+ (aq) आयन होते हैं? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?
उत्तर : हाँ, चूँकि क्षारकीय विलयन में H+ आयन की सांद्रता कम तथा OH– आयन की संद्रता अधिक होता है।
प्रश्न 14: कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चाँक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करेगा?
उत्तर : किसान के खेत की मिट्टी अधिक अम्लीय हो गया होगा, इसलिए किसान मिट्टी की अम्लीयता को कम करने के लिए चुना, चुने का पानी, चूना पत्थर से उपचारित कर रहा होगा।
प्रश्न 15: CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम क्या है?
उत्तर : विरंजक चूर्ण
उत्तर: बुझा हुआ चूना {कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड - Ca(OH)2}
उत्तर: धोवन सोडा {सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट - Na2CO3·10H2O}
उत्तर: जब सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के विलयन को गर्म किया जाता है तो सोडियम कार्बोनेट, जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण करता है।
अभिक्रिया:
2NaHCO3 →∆ Na2CO3 + CO2 + H2O
अभिक्रिया:
CaSO4·½H2O + 1½H2O → CaSO4·2H2O
प्रश्न 1: कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभावित रूप से क्या होगा?
विकल्प:
a) 1 b) 4 c) 5 d) 10
उत्तर : d) 10
व्याख्या: लाल लिटमस को नीला करने वाला विलयन क्षारीय होता है। क्षारों का pH आमतौर पर 7 से अधिक होता है, और pH 10 दर्शाता है कि यह एक मजबूत क्षार है।
प्रश्न 2: कोई विलयन अंडे के पिसे कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दुधिया कर देती है। इस विलयन में क्या होगा?
विकल्प:
a) NaCl b) HCl c) LiCl d) KCl
उत्तर : b) HCl
व्याख्या: अंडे के छिलके में कैल्शियम कार्बोनेट होता है, जो HCl के साथ अभिक्रिया कर CO₂ गैस उत्पन्न करता है। यह गैस चूने के पानी को दुधिया बना देती है।
प्रश्न 3: NaOH का 10 mL विलयन, HCl के 8 mL विलयन से पूर्णत: उदासीन हो जाता है। यदि हम NaOH के उसी विलयन का 20 mL लें तो इसे उदासीन करने के लिए HCl के उस विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी?
विकल्प:
a) 4 mL b) 8 mL c) 12 mL d) 16 mL
उत्तर : d) 16 mL
व्याख्या: जब 10 mL NaOH को 8 mL HCl से उदासीन किया जाता है, तो 20 mL NaOH को दोगुनी मात्रा अर्थात 16 mL HCl से किया जा सकता है।
प्रश्न 4: अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है?
विकल्प:
a) एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक) b) ऐनालसेजिक (पीड़ाहरी) c) एंटेसिड d) एंटीसेप्टिक (प्रतिरोधी)
उत्तर : c) एंटेसिड
व्याख्या: अपच की स्थिति में पेट में अधिक अम्लता हो जाती है। एंटेसिड एक क्षारीय औषधि होती है जो अतिरिक्त अम्ल को निष्क्रिय कर देती है और पेट को राहत देती है।
प्रश्न 5: निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिए:
a) तनु सल्फ्युरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
शब्द समीकरण: सल्फ्युरिक अम्ल + जिंक → जिंक क्लोराइड + हाइड्रोजन
रासायनिक समीकरण: Zn + H₂SO₄ → ZnSO₄ + H₂
b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
शब्द समीकरण: सल्फ्यूरिक अम्ल + मैग्नीशियम → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन
रासायनिक समीकरण: Mg + 2HCl → MgCl₂ + H₂
c) तनु सल्फ्युरिक अम्ल ऐल्मुनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
शब्द समीकरण: सल्फ्युरिक अम्ल + एलुमिनियम → एलुमिनियम क्लोराइड + हाइड्रोजन
रासायनिक समीकरण: 2Al + 3H₂SO₄ → Al₂(SO₄)₃ + 3H₂
d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
शब्द समीकरण: सल्फ्यूरिक अम्ल + आयरन → आयरन क्लोराइड + हाइड्रोजन
रासायनिक समीकरण: Fe + 2HCl → FeCl₂ + H₂
प्रश्न 6: ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होते हैं लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। एक क्रिया कलाप द्वारा इसे साबित कीजिए।
उत्तर: HCl, HNO₃ आदि जलीय विलयन में टूट कर H⁺ या H₃O⁺ का निर्माण करते हैं, इसलिए ये अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 7: आसवित जल विद्युत् का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है?
उत्तर : आसवित जल में आयनिक यौगिक जैसे अम्ल, क्षारक अथवा लवण नहीं होते। जिसके कारण इनमें H⁺ आयन (स्वतंत्र) अलग नहीं होते हैं। जबकि वर्षा के जल में ये यौगिक होते हैं जो टूटकर H⁺ आयन का निर्माण करते हैं, इसलिए आसवित जल विद्युत का चालक नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है।
प्रश्न 8: जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है?
उत्तर : चूँकि, जल की अनुपस्थिति में अम्ल आयन (H⁺) का निर्माण नहीं करते हैं। इसलिए अम्ल अपना अम्लीय व्यवहार जल के अनुपस्थिति में नहीं करता है।
प्रश्न 9: पाँच विलयनों A, B, C, D, व E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है तो pH के मान क्रमश: 4, 1, 11, 7 एवं 9 प्राप्त होते हैं। कौन सा विलयन:
a) उदासीन है? → D
प्रश्न 10: परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लंबाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) तथा परखनली ‘B’ में एसिटिक अम्ल (CH₃COOH) डालिए। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों?
उत्तर : परखनली 'A' में, चूँकि परखनली 'A' में प्रबल अम्ल (HCl) है, जो अधिक H⁺ आयन उत्पन्न करेगा, जिसके कारण तेजी से गैस बाहर निकलेगा।
प्रश्न 11: ताज़े दूध के pH का मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर : जब दूध से दही (लैक्टिक अम्ल) का निर्माण होता है तो इसका pH मान 6 से घट जाएगा।
प्रश्न 12: एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है:
a) ताजा दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है?
प्रश्न 13: प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर : प्लास्टर ऑफ पेरिस जल को अवशोषित कर कठोर जिप्सम का निर्माण कर लेता है, जिसके कारण यह कुछ समय बाद उपयोग योग्य नहीं रहता। इसलिए इसे आर्द्र-रोधी बर्तनों में रखा जाना चाहिए।
प्रश्न 14: उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर : उदासीनीकरण अभिक्रिया: अम्ल और क्षारक अभिक्रिया कर लवण तथा जल का निर्माण करते हैं, इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण कहते हैं।
प्रश्न 15: धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए।
धोने का सोडा का उपयोग:
जबकि ऐल्कोहॉल तथा ग्लूकोज H⁺ आयन उत्पन्न नहीं करते हैं।
HCl → H⁺ + Cl⁻
H⁺ + H₂O → H₃O⁺
b) प्रबल क्षारीय है? → C
c) प्रबल अम्लीय है? → B
d) दुर्बल अम्लीय है? → A
e) दुर्बल क्षारीय है? → E
pH के मानों को हाइड्रोजन आयन की सांद्रता के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए:
C < E < D < A < B
b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है?
उत्तर :
a) चूँकि बेकिंग सोडा की प्रकृति क्षारीय होती है इसलिए बेकिंग सोडा को दूध में मिलाने पर दूध की प्रकृति क्षारीय हो जाती है।
b) क्षारीय दूध को दही में बदलने में अधिक समय लैक्टिक अम्ल के द्वारा क्षार को उदासीन करने में लगता है। इसलिए दही बनने में अधिक समय लगता है।
CaSO₄.½H₂O + 3⁄2H₂O → CaSO₄.2H₂O
उदाहरण:
HCl + NaOH → NaCl + H₂O
अम्ल + क्षारक → लवण + जल
i) जल के स्थायी कठोरता को हटाने के लिए
ii) कागज, कांच तथा साबुन के निर्माण के लिए
iii) बोरेक्स के उत्पादन के लिए
iv) कपड़ों की सफाई के लिए
बेकिंग सोडा का उपयोग:
i) बेकिंग पाउडर (टार्टरिक अम्ल तथा बेकिंग सोडा का मिश्रण) को तैयार करने के लिए
ii) पाव रोटी, केक तथा मिठाइयों को मुलायम एवं स्पंजी बनाने के लिए
iii) सोडा अग्निशामक के रूप में
iv) Antacid के रूप में