कार्बनिक यौगिक एवं उनके यौगिक – अभ्यास प्रश्न एवं Intext प्रश्न उत्तर | Class 10th Science | Merit Yard

Class 10 - कार्बन के प्रश्न एवं उत्तर

📚 Intext Questions

प्रश्न 1: CO2 सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी?

उत्तर :
कार्बन (C) की परमाणु संख्या = 6 → इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 4
ऑक्सीजन (O) की परमाणु संख्या = 8 → इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 6

इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना में कार्बन अपने दोनों ऑक्सीजन परमाणुओं के साथ दो-दो सहसंयोजक बंध बनाता है।
प्रत्येक ऑक्सीजन के बाह्य कक्षा में 6 इलेक्ट्रॉन होते हैं, जिनमें से दो कार्बन के साथ साझा करता है।
इस प्रकार, CO2 की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना में दो डबल बॉन्ड बनते हैं:

O : ≡ C ≡ : O

प्रश्न 2: सल्फर के आठ परमाणुओं से बने सल्फर के अणु की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी? (संकेत : सल्फर के आठ परमाणु एक अंगूठी के रूप में आपस में जुड़े होते हैं।)

उत्तर :
सल्फर (S) की परमाणु संख्या = 16 → इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 6
प्रत्येक सल्फर परमाणु के बाह्य कक्षा में 6 इलेक्ट्रॉन होते हैं।
S8 अणु में 8 सल्फर परमाणु एक चक्रीय संरचना (crown shape) में आपस में एकल सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़े होते हैं।
प्रत्येक सल्फर दो अन्य सल्फर परमाणुओं के साथ बंध बनाता है और चार अपूर्ण इलेक्ट्रॉनों को अकेले रखता है।
इसका प्रयोग इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना दर्शाने हेतु सरल नहीं है परंतु अवधारणा के अनुसार यह एक चक्रीय अष्टक (S8) रूप में होता है।

प्रश्न 3: पेन्टेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवियों का चित्रण कर सकते हैं?

उत्तर :
पेन्टेन (C5H12) के तीन संरचनात्मक समावयवी (isomers) संभव हैं :

1️⃣ n-पेन्टेन – सभी कार्बन परमाणु एक श्रृंखला में जुड़े होते हैं।
2️⃣ आइसो-पेन्टेन (methylbutane) – चार कार्बन की मुख्य श्रृंखला में एक मेथाइल शाखा जुड़ी होती है।
3️⃣ नीयो-पेन्टेन (dimethylpropane) – तीन कार्बन की मुख्य श्रृंखला में दो मेथाइल शाखाएँ जुड़ी होती हैं।

📌 समावयवता (Isomerism) : वह परिघटना है जिसमें एक ही अणु सूत्र वाले एक से अधिक यौगिक पाए जाते हैं, जिनके गुणधर्म सामान्यतः भिन्न-भिन्न होते हैं।

प्रश्न 4: कार्बन के दो गुणधर्म कौन-कौन से हैं, जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है?

उत्तर : कार्बन के दो मुख्य गुणधर्म जिनके कारण इसकी यौगिकों की संख्या अत्यधिक है, निम्नलिखित हैं :

I. 🔁 श्रृंखलन (Catenation) – यह गुणधर्म है जिसमें कार्बन परमाणु आपस में सहसंयोजक बंध बनाकर लंबी श्रृंखलाएँ बनाते हैं।
II. 🔗 चतुष् संयोजकता (Tetravalency) – कार्बन के चार संयोजक इलेक्ट्रॉन होते हैं, जिससे यह चार अन्य परमाणुओं (H, O, N, Cl, आदि) से बंध बना सकता है।

प्रश्न 5: साइक्लोपेन्टेन का सूत्र तथा इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होंगे?

उत्तर :
रासायनिक सूत्र : C5H10
यह एक संतृप्त चक्रीय यौगिक है, जिसमें 5 कार्बन परमाणु चक्रीय रूप में आपस में जुड़े होते हैं और प्रत्येक कार्बन दो हाइड्रोजन परमाणुओं से जुड़ा होता है।

🧬 इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना : प्रत्येक कार्बन 4 सहसंयोजक बंध बनाता है – दो कार्बन से और दो हाइड्रोजन से। यह संरचना एक पंचभुज के रूप में होती है जिसमें प्रत्येक कोने पर एक कार्बन होता है।

प्रश्न 6: निम्न यौगिकों की संरचनाएँ चित्रित कीजिए :
(i) एथेनॉइक अम्ल (ii) ब्रोमोपेन्टेन*
(iii) ब्यूटेनोन (iv) हेक्सेनैल
*क्या ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव संभव हैं?

उत्तर :
✅ (i) एथेनॉइक अम्ल (CH3COOH): इसमें एक मेथाइल समूह (CH3) एक कार्बोक्सिल समूह (-COOH) से जुड़ा होता है।

✅ (ii) ब्रोमोपेन्टेन (C5H11Br): इसमें एक ब्रोमीन परमाणु पेन्टेन श्रृंखला के किसी भी कार्बन से जुड़ा हो सकता है।

✅ (iii) ब्यूटेनोन (C2H5COCH3): यह एक कीटोन (Ketone) यौगिक है जिसमें ब्यूटेन श्रृंखला में द्वितीय स्थान पर एक कार्बोनिल समूह (=O) होता है।

✅ (iv) हेक्सेनल (C5H11CHO): यह एक ऐल्डीहाइड है जिसमें 6 कार्बन की श्रृंखला होती है और अंतिम (प्रथम) स्थान पर -CHO समूह होता है।

✳️ ब्रोमोपेन्टेन*: हाँ, ब्रोमीन के विभिन्न स्थानों पर जुड़ने के कारण इसके संरचनात्मक समावयवी संभव हैं, जैसे- 1-ब्रोमोपेन्टेन, 2-ब्रोमोपेन्टेन, 3-ब्रोमोपेन्टेन आदि।

प्रश्न 7: निम्न यौगिकों का नामकरण कैसे करेंगे?

उत्तर :
(i) CH3CH2Br → ब्रोमोएथेन
(ii) HCHO → मेथेनल (फॉर्मल्डिहाइड)
(iii) C6H10 (तीनहरी बंध वाला एल्काइन) → हैक्साइन
✅ इन नामों को IUPAC नामकरण पद्धति के अनुसार निर्धारित किया जाता है।

प्रश्न 8: एथनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं?

उत्तर : चूँकि एथनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन के दौरान ऑक्सीजन का योग तथा हाइड्रोजन का ह्रास होता है, इसलिए इसे ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते हैं।

अभिक्रिया :
CH3CH2OH (क्षारीय KMnO4, ∆) ⟶ CH3COOH + H2O

प्रश्न 9: ऑक्सीजन तथा एथाइन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। क्या आप बता सकते हैं कि एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता?

उत्तर : वेल्डिंग के लिए तीव्र ऊष्मा की आवश्यकता होती है, जो केवल एथाइन और शुद्ध ऑक्सीजन के पूर्ण दहन से प्राप्त होती है।
जबकि वायु में केवल 21% ऑक्सीजन होती है, जिससे पूर्ण दहन नहीं हो पाता और पर्याप्त ऊष्मा उत्पन्न नहीं होती।

दहन अभिक्रिया :
2C2H2 + 5O2 ⟶ 4CO2 + 2H2O + ऊष्मा

👉 अतः वेल्डिंग के लिए एथाइन + ऑक्सीजन का उपयोग किया जाता है, न कि एथाइन + वायु का।

प्रश्न 10: प्रयोग द्वारा आप एल्केहॉल तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल में कैसे अंतर कर सकते हैं?

उत्तर :
(i) कार्बोनेट / बाइकार्बोनेट अभिक्रिया :
कार्बोक्सिलिक अम्ल, सोडियम बाइकार्बोनेट या कार्बोनेट से अभिक्रिया करके CO2 गैस उत्पन्न करता है, जो चुने पानी को दुधिया बना देती है।
जबकि एल्केहॉल यह अभिक्रिया नहीं करता।

सामान्य अभिक्रिया :
धातु बाइकार्बोनेट + कार्बोक्सिलिक अम्ल ⟶ लवण + CO2 + H2O

(ii) लिटमस परीक्षण :
कार्बोक्सिलिक अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
जबकि एल्केहॉल का लिटमस पर कोई प्रभाव नहीं होता।

प्रश्न 11: ऑक्सीकारक क्या हैं?

उत्तर : वे पदार्थ जो अन्य पदार्थों को ऑक्सीजन प्रदान करते हैं या उनसे इलेक्ट्रॉन छीन लेते हैं, उन्हें ऑक्सीकारक उदाहरण : KMnO4, K2Cr2O7, HNO3 आदि।

प्रश्न 12: क्या आप डिटर्जेंट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है अथवा नहीं?

उत्तर : नहीं, क्योंकि डिटर्जेंट कठोर जल के साथ भी पर्याप्त मात्रा में झाग उत्पन्न करता है।
जबकि साबुन, कठोर जल में कैल्शियम व मैग्नीशियम लवणों के साथ अभिक्रिया कर अवक्षेप बना लेता है और झाग नहीं बनाता।

👉 अतः जल की कठोरता की पहचान साबुन के प्रयोग से की जा सकती है, न कि डिटर्जेंट से।

प्रश्न 13: लोग विभिन्न प्रकार से कपड़े धोते हैं। सामान्यतः साबुन लगाने के बाद लोग कपड़े को पत्थर पर पटकते हैं, डंडे से पीटते हैं, ब्रुश से रगड़ते हैं या वाशिंग मशीन में कपड़े रगड़े जाते हैं। कपड़ा साफ करने के लिए उसे रगड़ने की क्यों आवश्यकता होती है?

उत्तर : साबुन जब जल में घुलता है तो वह गंदगी के चारों ओर मिसेल (Micelle) बनाता है।
ये मिसेल जल में कोलाइड रूप में तैरते रहते हैं और आयन-आयन विकर्षण के कारण स्थिर रहते हैं।
लेकिन कपड़े की सतह से इन मिसेल को पूरी तरह हटाने के लिए यांत्रिक क्रिया
👉 इस प्रक्रिया से फंसी हुई गंदगी अलग होकर कपड़ा साफ हो जाता है।

📚 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1: एथेन का आण्विक सूत्र – C2H6 है। इसमें :

a) 6 सहसंयोजक आबंध हैं
b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं
c) 8 सहसंयोजक आबंध हैं
d) 9 सहसंयोजक आबंध हैं

उत्तर : b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं

प्रश्न 2: ब्यूटेनॉन चतु:-कार्बन यौगिक है, जिसका प्रकार्यात्मक समूह क्या है?

a) कार्बोक्सिलिक अम्ल
b) ऐल्डिहाइड
c) कीटोन
d) एल्कोहॉल

उत्तर : c) कीटोन

प्रश्न 3: खाना बनाते समय यदि बर्तन की तली बाहर से काली हो रही है तो इसका मतलब क्या है?

a) भोजन पूरी तरह नहीं पका है
b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है
c) ईंधन आर्द्र है
d) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है

उत्तर : b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है

प्रश्न 4: CH3Cl में आबंध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध की प्रकृति समझाइए।

उत्तर : चूंकि क्लोरीन, कार्बन से अधिक इलेक्ट्रॉन ऋणात्मक है इसलिए इनके बीच ध्रुवीय सहसंयोजक आबंध पाया जाता है।

प्रश्न 5: निम्न यौगिकों की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना बनाईए :

a) एथेनॉइक अम्ल
b) H2S
c) प्रोपेनोन
d) F2

उत्तर : इन सभी यौगिकों की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचनाएं Lewis Structure के अनुसार बनती हैं, जो चित्र के माध्यम से बेहतर दर्शाई जाती हैं।

प्रश्न 6: समजातीय श्रेणी क्या है? उदाहरण के साथ समझाइए।

उत्तर : कार्बनिक यौगिकों की ऐसी श्रेणी जिसमें एक ही प्रकार के प्रकार्यात्मक समूह पाए जाते हैं, समजातीय श्रेणी कहलाती है।

उदाहरण :
CH4 तथा C2H6
CH3OH तथा C2H5OH

इनका सामान्य सूत्र एक जैसा होता है एवं रासायनिक गुणधर्म भी समान होते हैं।

प्रश्न 7: भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर एथनॉल तथा एथेनॉइक अम्ल में कैसे अंतर करेंगे?

A. भौतिक गुणधर्म :
(i) एथनॉल जल में घुलता है लेकिन ऊष्मा उत्पन्न नहीं करता।
     एथेनॉइक अम्ल जल में घुलकर ऊष्मा उत्पन्न करता है।
(ii) एथनॉल पेय पदार्थों में उपयोगी है।
     एथेनॉइक अम्ल पेय पदार्थों में उपयोग नहीं किया जाता।
(iii) एथनॉल का गलनांक 156 K एवं क्वथनांक 351 K होता है।
     एथेनॉइक अम्ल का गलनांक 290 K एवं क्वथनांक 391 K होता है।
(iv) एथनॉल का लिटमस पर कोई प्रभाव नहीं होता।
     एथेनॉइक अम्ल नीले लिटमस को लाल करता है।

B. रासायनिक गुणधर्म :
(v) एथनॉल Na2CO3 से अभिक्रिया नहीं करता।
     एथेनॉइक अम्ल Na2CO3 से अभिक्रिया करके CO2 एवं जल बनाता है।
(vi) एथनॉल को क्षारीय KMnO4 के साथ गर्म करने पर एथेनॉइक अम्ल बनता है।
     एथेनॉइक अम्ल में यह अभिक्रिया नहीं होती।

प्रश्न 8: जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है? क्या एथनॉल जैसे विलायकों में भी मिसेल बनते हैं?

उत्तर : साबुन के अणु दो भागों से बने होते हैं – एक जलविरागी हाइड्रोकार्बन पूँछ एवं एक जलरागी आयनिक सिरा। जब इन्हें जल में मिलाया जाता है, तो पूँछ तेल में घुलती है एवं सिरा जल में रहता है। इस प्रकार ये तेल के कणों को घेरकर मिसेल का निर्माण करते हैं, जिससे मैल हटती है।

एथनॉल जैसे कार्बनिक विलायकों में मिसेल निर्माण नहीं होता क्योंकि वे स्वयं हाइड्रोकार्बन जैसे होते हैं और ध्रुवीयता नहीं देते।

प्रश्न 9: कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है?

उत्तर : कार्बन एवं उसके यौगिकों को ईंधन के रूप में प्रयोग करने के कारण निम्नलिखित हैं –
(i) ये दहन के समय अधिक ऊष्मा व प्रकाश उत्पन्न करते हैं।
(ii) इनका ज्वलन ताप कम होता है।
(iii) एक बार जलने के बाद लगातार जलते रहते हैं।
(iv) इनका रखरखाव आसान होता है।

प्रश्न 10: कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाइए।

उत्तर : कठोर जल में Ca2+ एवं Mg2+ आयन उपस्थित होते हैं। ये साबुन के साथ अभिक्रिया कर अघुलनशील लवण बनाते हैं जो अवक्षेप के रूप में जमा हो जाते हैं।

इस कारण झाग नहीं बन पाता एवं अधिक मात्रा में साबुन बर्बाद हो जाता है।

प्रश्न 11: यदि आप लिटमस पत्र (लाल एवं नीला) से साबुन की जांच करें तो आपका प्रेक्षण क्या होगा?

उत्तर : लाल लिटमस पत्र साबुन की उपस्थिति में नीला हो जायेगा जबकि नीला लिटमस पत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

प्रश्न 12: हाइड्रोजनीकरण क्या है? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है?

उत्तर : असंतृप्त हाइड्रोकार्बन का निकल या पैलेडियम उत्प्रेरकों की उपस्थिति में हाइड्रोजन का मिलना और संतृप्त हाइड्रोकार्बन में बदलना हाइड्रोजनीकरण कहलाता है।
हाइड्रोजनीकरण का उपयोग असंतृप्त वसा (तेल) को संतृप्त वसा (वनस्पति घी) बनाने वाले उद्योगों में होता है।
वनस्पति तेल + H2 → वनस्पति घी

प्रश्न 13: दिए गए हाइड्रोकार्बन: C2H6, C3H8, C3H6, C2H2 एवं CH4 में किसमें संकलन अभिक्रिया होती है?

उत्तर : चूँकि संकलन अभिक्रिया एल्किन तथा एल्कीन में होती है, इसलिए C3H6 तथा C2H2 में होगी।

प्रश्न 14: मक्खन एवं खाना बनाने वाले तेल के बीच रासायनिक अंतर समझने के लिए एक परीक्षण बताइए।

उत्तर : एक स्पैचुला में एक-एक करके कुछ कार्बन यौगिकों जैसे नेफ्थलीन, कैम्फर को लेकर जलाइए।
संतृप्त हाइड्रोजन से स्वच्छ ज्वाला निकलेगी जबकि असंतृप्त कार्बन यौगिकों से काले धुएँ वाली पीली ज्वाला निकलेगी।

प्रश्न 15: साबुन की सफाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए।

उत्तर : साबुन के अणु लंबी श्रृंखला वाले वसीय अम्लों के सोडियम या पोटैशियम लवण होते हैं, जिसमें दो भाग होते हैं – लंबी हाइड्रोकार्बन पूँछ तथा छोटी आयनिक सिरा।

उदाहरण के लिए – C15H31COONa, C17H33COONa आदि।

जब पानी में साबुन को घोला जाता है, तब जलरागी (Hydrophilic) सिरा जल में घुलनशील होता है और जलविरागी (Hydrophobic) सिरा जल में अघुलनशील परंतु तैलीय मैल, वसा आदि में घुलनशील होता है।

किसी कपड़े या वस्तु पर साबुन के अणु इस प्रकार व्यवस्थित हो जाते हैं कि उनका आयनिक सिरा जल के अंदर और हाइड्रोकार्बन पूँछ जल के बाहर होती है। जब पानी को हिलाते हैं तो तैलीय गंदगी ऊपर उठने का प्रयास करती है जिससे यह अनेक छोटे हिस्सों में बँट जाती है। इन छोटे हिस्सों में साबुन के अणु चिपक जाते हैं।

इस प्रकार जल की ओर आकर्षित भाग इस तैलीय गंदगी को खींच कर जल में पहुँचाता है और कपड़े से तैलीय गंदगी दूर हो जाती है।