जीव जनन कैसे करते है ? Class 10 Intext & Exercise Solutions | Merit Yard

Class 10 - जीव जनन कैसे करते है ? के प्रश्न एवं उत्तर

प्र.1: डी. एन. ए. प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्व है?

उत्तर : डीएनए प्रतिकृति का प्रजनन में निम्नलिखित भूमिका है –
(a) डीएनए प्रतिकृति का बनना प्रजनन की मूल घटना है।
(b) डीएनए अपनी दो प्रतिकृति बनाता है तथा ये दो प्रतिकृति दो नई कोशिकाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाती हैं। अतः कोशिका के विभाजन के लिए डीएनए प्रतिकृति का बनना आवश्यक है।
(c) प्रजनन द्वारा उत्पन्न संतानों में कुछ भिन्नताएं पाई जाती हैं जो उन्हें जनक से समान या भिन्न बनाती हैं। ये भिन्नताएं डीएनए में बदलाव के कारण होती हैं जो विकास (Evolution) के लिए आवश्यक है।

प्र.2: जीवों में विभिन्नता स्पीशीज के लिए तो लाभदायक है परंतु व्यष्टि के लिए आवश्यक नहीं है, क्यों?

उत्तर : विभिन्नता किसी भी जाति के लिए आवश्यक है क्योंकि पर्यावरण में अचानक होने वाले बदलाव जैसे अत्यधिक गर्मी, ठंड या सूखा आदि सभी जीवों के लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं। यदि जाति के सभी जीव एक जैसे होंगे तो सभी एक साथ नष्ट हो सकते हैं। लेकिन यदि जाति में विभिन्नता पाई जाती है तो कुछ जीव कठिन परिस्थिति में भी जीवित रह सकते हैं।

परंतु एकल जीव (व्यष्टि) तभी जीवित रह सकता है जब वह अपने पर्यावरण के अनुसार पूर्ण रूप से अनुकूल हो। इसलिए विविधता स्पीशीज के लिए लाभदायक है, पर व्यष्टि के लिए नहीं।

प्र.3: द्विखंडन बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है?

द्विखंडन:
➤ इसमें एक जनक जीव से दो नए संतानों की उत्पत्ति होती है।
➤ यह सामान्यतः एक कोशिकीय जीवों में होता है।
उदाहरण: अमीबा, पैरामीशियम, यूग्लीना आदि।

बहुखंडन:
➤ इसमें एक जनक जीव से दो से अधिक संतानों की उत्पत्ति होती है।
➤ यह सामान्यतः बहुकोशिकीय जीवों में होता है।
उदाहरण: प्लाज्मोडियम।

प्र.4: बीजाणु द्वारा जनन से जीव किस प्रकार लाभान्वित होता है?

उत्तर : बीजाणु द्वारा जनन से जीव निम्न प्रकार से लाभान्वित होते हैं –
(a) यह प्रक्रिया सरल और तीव्र होती है।
(b) बीजाणु छोटे और हल्के होते हैं जिससे इनका प्रकीर्णन (Dispersal) आसानी से होता है।
(c) बीजाणु मजबूत और मोटे आवरण से ढके होते हैं, जिससे ये प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जीवित रहते हैं।
(d) बीजाणु एक साथ बड़ी संख्या में उत्पन्न होते हैं, जिससे कुछ के नष्ट होने पर भी जाति का अस्तित्व बना रहता है।

प्र.5: क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं जिससे पता चलता हो कि जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते?

उत्तर : जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते क्योंकि –
(a) इस प्रकार के जीव का शरीर बहुत ही जटिल होता है।
(b) इस प्रकार के जीवो के शरीर में विशेष प्रकार के कार्यों को करने के लिए विशेष प्रकार के अंग पाए जाते हैं ।
(c) पुनर्जनन विशेष प्रकार के कोशिकाओं के द्वारा होता है तथा यह विशेष प्रकार की कोशिकाएं जटिल संरचना वाले जीव के शरीर में नहीं पाए जाते हैं ।
(d) जटिल संरचना वाले जीव के शरीर का निर्माण निम्न प्रक्रिया के द्वारा होता है जैसे कोशिकाएं मिलकर ऊतक, ऊतक मिल कर अंग, अंग मिलकर अंगतंत्र तथा अंगतंत्र मिलकर पूरे शरीर का निर्माण करते हैं।

प्र.6: कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग क्यों किया जाता है?

उत्तर : निम्न कारणों से कायिक प्रवर्धन का उपयोग किया जाता है –
(a) इस विधि के द्वारा उत्पन्न पौधों से कम समय में फलों को प्राप्त किया जा सकता है ।
(b) केवल एक पौधे के द्वारा अनेक प्रकार के फलों को प्राप्त किया जा सकता है ।
(c) उत्पन्न पौधों की कम देख-रेख करनी पड़ती है ।
(d) कायिक प्रवर्धन द्वारा उगाए गए पौधों में सभी पैतृक धर्म पाए जाते हैं।

प्र.7: डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए क्यों आवश्यक है?

उत्तर : DNA की प्रतिकृति बनना जनन के लिए आवश्यक निम्न लिखित कारणों से है-
(a) चुंकि DNA अनु में शरीर की डिजाइन तथा विभिन्न रसायनों के निर्माण की सूचनाएं मौजूद होती है ।
(b) लैंगिक जनन में नर युग्मक तथा मादा युग्मक मिलते हैं जिसके कारण जनको का लक्षण उनके संतानों तक डीएनए के द्वारा स्थानांतरित होता है तथा उनकी संतानों में कुछ विभिनताएं उत्पन्न होती है।
(c) विभिनता है जैव विकास में सहायक होते हैं।

प्र.8: परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है?

परागण क्रिया:
(a) यह क्रिया केवल पौधों में होता है।
(b) इस क्रिया को पूर्ण होने के लिए बाह्य कारकों या माध्यमों की आवश्यकता पड़ती है।
(c) परागकोष से परागकण का निकलकर वर्तिकाग्र तक पहुंचने की प्रक्रिया परागण कहलाती है।
(d) परागण के बाद ही निषेचन की संभावना होती है।
(e) यह मुख्यतः दो प्रकार की होती है- स्वपरागण तथा पर- परागण।
(f) परागण जनन की प्राथमिक स्तर है।

निषेचन:
(a) यह क्रिया पादप तथा जंतु दोनों में होती है।
(b) इस क्रिया को पूरा होने के लिए बाह्य कारकों की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
(c) नर तथा मादा युग्मक के संलयन की प्रक्रिया निषेचन कहलाती है।
(d) निषेचन के बाद बीज तथा फल बनने की संभावना होती है।
(e) यह मुख्यतः दो प्रकार की होती है -आंतरिक निषेचन तथा बाह्य निषेचन।
(f) निषेचन जनन की द्वितीयक स्तर है।

प्र.9: शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की क्या भूमिका है?

उत्तर : शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की निम्नलिखित भूमिका है –
(a) शुक्राशय : यह शुक्राणुओं की वृद्धि एवं विकास के लिए पोषण प्रदान करता है।
(b) प्रोस्टेट ग्रंथि: यह क्षारीय द्रव होता है ,जो अम्लीयता को समाप्त करके उदासीन करने का कार्य करता है एवं शुक्राणुओं की गति में सहायक होता है।

प्र.10: यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन से परिवर्तन दिखाई देते हैं?

उत्तर : यौवनारंभ के समय लड़कियों में निम्नलिखित परिवर्तन दिखाई देते हैं :-
(a) ध्वनि का सुरीला हो जाना।
(b) चेहरे पर मुंहासे का आना।
(c) ऋतुस्राव का प्रारंभ हो जाना।
(d) त्वचा का तैलीय हो जाना।
(e) लम्बाई में वृद्धि
(f) जनन अंगों का वृद्धि एवं विकास

प्र.11: माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है? अथवा , अपरा क्या है ? इसका क्या कार्य है?

उत्तर :
गर्भस्थ भ्रूण माँ के शरीर से पोषण एक विशेष प्रकार के उत्तक की सहायता से प्राप्त करता है जिसे अपरा कहते हैं ।
अपरा बृहद सतही क्षेत्र प्रदान करता है जिसकी सहायता से भोजन तथा ऑक्सीजन माँ के रुधिर से गर्भस्थ भ्रूण तक आता है एवं इसके द्वारा निर्मित अपशिष्ट पदार्थ जैसे यूरिया ,CO2 इत्यादि भ्रूण माँ के रुधिर में अपरा के माध्यम से चला जाता है।

प्र.12: यदि कोई महिला कॉपर-टी का प्रयोग कर रही है तो क्या वह उनकी यौन संचारित रोगों से रक्षा करेगा?

उत्तर : यदि कोई महिला कॉपर - T का प्रयोग कर रही है तो वह यौन संचरिय रोगों (Sexually Transmitted Disease) से रक्षा नही करेगी क्योकि यह यौन सबंधित रोगाणुओं को शरीर में प्रवेश करने से नही रोक पायेगा।

प्र.1: अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है?

(a) अमीबा    (b) यीस्ट    (c) प्लैज्मोडियम    (d) लेस्मानिया
उत्तर : (B)

प्र.2: निम्न में से कौन मानव में मादा जनन तंत्र का भाग नहीं है?

(a) अंडाशय    (b) गर्भाशय    (c) शुक्रवाहिका    (d) डिंबवाहिनी
उत्तर : (C)

प्र.3: परागकोश में होते हैं-

(a) बाह्यदल    (b) अंडाशय    (c) अंडप    (d) परागकण
उत्तर : (D)

प्र.4: अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के क्या लाभ हैं?

उत्तर: अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के निम्नलिखित लाभ है:
(a) लैंगिक जनन के द्वारा उत्पन्न जीव में अत्यधिक विभिनता पाई जाती है।
(b) इन विभिन्नताओं के कारण लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न जीव किसी भी प्रकार के पर्यावरण में जीवित रह सकते हैं।
(c) लैंगिक जनन विकास में मदद करता है।

प्र.5: मानव में वृषण के क्या कार्य हैं?

उत्तर : मानव में वृषण के निम्नलिखित कार्य है:
(a) यह नर जनन हार्मोन (टेस्टोस्टेरोन) के निर्माण एवं स्राव करता है।
(b) यह नर युग्मक (शुक्राणु कोशिका) का निर्माण करता है।

प्र.6: ऋतुस्राव क्यों होता है?

उत्तर : ऋतुस्राव निम्नलिखित कारणों से होता है:
मानव मादा में प्रत्येक माह अंडाशय से अंडाणु निकलता है, तथा यह गति करते हुए अंड-वाहिनी नलिका में चला जाता है। यदि अंडाणु कोशिका, शुक्राणु कोशिका के साथ संलयित नहीं होती है तो इस अवस्था में अंडाणु कोशिका तथा गर्भाशय की दीवार टूटकर रुधिर के रूप में मादा के शरीर से बाहर आती है। इस पूरी घटना को ऋतुस्राव कहते हैं।

प्र.7: पुष्प की अनुदैधर्य काट का नामांकित चित्र बनाइए।

उत्तर : छात्र स्वयं चित्र बनाएं।

प्र.8: गर्भनिरोधन की विभिन्न विधियाँ कौन सी है?

उत्तर : गर्भनिरोधक की विभिन्न विधियां निम्नलिखित है:
रोधिका विधियाँ:
(a) स्त्री एवं पुरुष दोनों के द्वारा विरोध का उपयोग कर गर्भधारण को रोका जाता है।
(b) स्त्रियों के द्वारा विभिन्न तंत्रों जैसे डायाफ्राम, Cu-T इत्यादि का उपयोग किया जाता है।
रासायनिक विधियाँ:
(a) इस विधि में स्त्रियाँ दवा की गोलियों का उपयोग करती है, जो हार्मोनों से मिलकर बनी होती है।
(b) यह गोलियाँ अंडोत्सर्ग की प्रक्रिया को रोक देती है।
शल्य विधि:
(a) जब शुक्राणु नलिका को काटकर साफ़ धागे से बांध दिया जाता है तो इसे पुरुष नसबंदी कहते हैं।
(b) जब अंड वाहिनी नली को काटकर साफ धागे से बांध दिया जाता है तो इससे महिला नसबंदी कहते हैं।

प्र.9: एक-कोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अंतर है?

उत्तर : एक-कोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में निम्नलिखित अंतर है:
एक कोशिकीय जीवों में जनन:
(a) एक कोशिकीय जीव में प्रायः अलैंगिक जनन होता है।
(b) इनमें किसी भी प्रकार का जननांग नहीं पाया जाता है।
(c) इनके द्वारा उत्पन्न संतान जनक के जैसे ही होते हैं।
(d) उदाहरण - अमीबा, पैरामीशियम, यीस्ट इत्यादि।
बहुकोशिकीय जीवों में जनन:
(a) इनमें अलैंगिक तथा लैंगिक दोनों प्रकार का जनन पाया जाता है।
(b) इनमें जनन अंग पाया जाता है।
(c) उत्पन्न संतान जनक के जैसे नहीं होते हैं।
(d) उदाहरण - मनुष्य, गाय, बैल, बिल्ली, कुत्ता इत्यादि।

प्र.10: जनन किसी स्पीशीज की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है?

उत्तर : जनन के दौरान माता एवं पिता के गुणसूत्रों को आपस में मिलने के कारण संतानों में विभिन्नता उत्पन्न होती है। ये विभिन्नताएँ विपरीत परिस्थितियों में भी जीवधारियों को जीवित रहने में सहायता करती हैं। इस प्रकार उन जीवों की जाति समाप्त नहीं होती है।
इस प्रकार जनन किसी स्पीशीज की समष्टि के स्थायित्व में महत्वपूर्ण रूप से सहायक है।

प्र.11: गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर : गर्भनिरोधक युक्तियां अपनाने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
(a) बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए।
(b) लैंगिक संचारित रोगों को फैलने से रोकने या बचाव के लिए।
(c) दो बच्चों के जन्म के बीच के अंतराल को बढ़ाने के लिए।
(d) व्यक्तियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए।
(e) अपना रहन-सहन का स्तर ऊँचा बनाए रखने के लिए।