Class 10 - नियंत्रण एवं समन्वय के प्रश्न एवं उत्तर
प्र.1: प्रतिवर्ती क्रिया तथा टहलने के बीच क्या अंतर है?
उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रिया तथा टहलने के बिच निम्नलिखित अंतर है-
प्रतिवर्ती क्रिया :
- प्रतिवर्ती क्रिया का नियंत्रण प्रायः मेरुरज्जु के द्वारा होता है ।
- प्रतिवर्ती क्रिया अनैच्छिक क्रिया है |
- प्रतिवर्ती क्रिया को पूरा होने में कम समय लगता है ।
टहलने की क्रिया :
- टहलने की क्रिया का नियंत्रण मस्तिष्क के द्वारा होता है ।
- टहलने की क्रिया एच्छिक क्रिया है |
- इस क्रिया को पूरा होने में अधिक समय लगता है।
प्र.2: दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अन्तर्ग्रथन (सिनेप्स) में क्या होता है?
उत्तर: सिनेप्स एक बहुत ही छोटा खली स्थान होता है, जो दो तंत्रिका कोशिकाओं के मध्य में पाया जाता है। सिनेप्स में सूचनाओं का अदन – प्रदान एक तंत्रिका कोशिका के तंत्रिकाक्ष रासायनिक पदार्थ के रूप में दुसरे तंत्रिका के दृमिकाओं में होता है अथार्त सिनेप्स में सूचनाओं का प्रदान होता है |
प्र.3: मस्तिष्क का कौन सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?
उत्तर: अनुमस्तिष्क
प्र.4: हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं?
उत्तर: हमारे नाक में घ्राण ग्राही पाया जाता है जब अगरबत्ती को जलाया जाता है, तो गंध विसरन विधि के माध्यम से हमारे नाकों तक पहुंचता है इसे घ्राण ग्राही प्राप्त कर लेता है। इसके बाद गंध संवेदी तंत्रिका के माध्यम से प्रमस्तिष्क तक पहुंचता है। प्रमस्तिष्क में गंध संबंधी सूचनाओं पर कार्य किया जाता है, और हम इस प्रकार किसी अगरबत्ती के गंध का पता लगाते हैं।
प्र.5: प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है?
उत्तर: प्रतिवर्ती क्रिया मेरुरज्जु के द्वारा नियंत्रित किया जाता है । परंतु जो सूचनाएं इस क्रिया के दौरान उत्पन्न होती है, इस प्रकार सोचने समझने की क्रिया मस्तिष्क के द्वारा ही किया जाता है।
कुछ प्रतिवर्ती क्रिया मस्तिष्क के द्वारा ही नियंत्रित की जाती है।
जैसे – पुतली के आकार में परिवर्तन , मस्तिष्क के द्वारा नियंत्रित किया जाता है ।
प्र.6: पादप हॉर्मोन क्या है?
उत्तर: पादपों में नियंत्रण एवं समन्वय एक विशेष प्रकार के रासायनिक पदार्थ के द्वारा होता है, जिसे पादप हार्मोन कहते हैं।
Eg. पादपों में वृद्धि ऑक्जिन नामक हार्मोन के द्वारा किया जाता है।
प्र.7: छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति, प्रकाश की ओर प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
छुईमुई पादप की पत्तियों की गति प्रकाश की ओर प्ररोह की गति से निम्न प्रकार से भिन्न है –
छुईमुई की पत्तियों की गति :
- इनमें होने वाली गति अनुकुंचन गति होती है ।
- इसमें उद्दीपन स्पर्श होता है ।
- इसमें किसी भी प्रकार की वृद्धि गति नहीं होती है ।
- इसमें होने वाली गति उद्दीपन की दिशा पर निर्भर नहीं होता है ।
प्रकाश की ओर प्रारोह की गति :
- इनमें होने वाली गति अनुवर्तन गति होती है ।
- इसमें उद्दीपन प्रकाश होता है ।
- इसमें वृद्धि गति होती है ।
- इसमें होने वाली गति उद्दीपन की दिशा पर निर्भर होती है।
प्र.8: एक पादप हॉर्मोन का उदाहरण दीजिए जो वृद्धि को बढ़ाता है|
उत्तर: ऑक्सिन
प्र.9: किसी सहारे के चारों ओर एक प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन किस प्रकार सहायक है?
उत्तर: ऑक्सिन एक हार्मोन है, जो प्रारोह के शीर्ष भाग में पाया जाता है। जब प्रतान किसी सहारे से जुड़ता है तो ऑक्सिन हार्मोन स्पर्श के विपरीत दिशा में गति करता है। अब इस भाग की वृद्धि बहुत तेजी से होता है जिसके कारण प्रतान विपरीत दिशा में मुड़ता है और सहारे के चारों ओर लिपटकर पौधो को सहारा प्रदान करता है।
इस प्रकार प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन सहायक है।
प्र.11: जंतुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है?
उत्तर: जंतुओं में ग्रंथियां पाई जाती है, जो हार्मोन का निर्माण तथा उसका स्राव करती है। इस रसायनिक पदार्थ को जंतु हार्मोन कहते हैं एवं उनके द्वारा ही जंतुओं में रासायनिक समन्वय होता है।
उदाहरण: पीयूष ग्रंथि वृद्धि हार्मोन का स्राव करती है जो मानव की वृद्धि को नियंत्रित करता है।
प्र.12: आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर: थायरोक्सिन हार्मोन के निर्माण के लिए आयोडीन की आवश्यकता पड़ती है। अगर हमारे शरीर में थायरोक्सिन हार्मोन की कमी हो जाए तो अवटु ग्रंथि फूलना शुरू कर देती है जिससे एक रोग उत्पन्न होता है, जिसे घेंघा कहते हैं। अतः इस रोग से बचने के लिए आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह दी जाती है।
प्र.13: जब एड्रीनलीन रुधिर में स्रावित होती है तो हमारे शरीर में क्या अनुक्रिया होती है?
उत्तर: जब रुधिर में एड्रीनलिन स्रावित होती है तो हमारे शरीर में निम्नलिखित अनुक्रियाएँ होती हैं:
1) रक्तचाप बढ़ जाता है।
2) हृदय स्पंदन बढ़ जाती है।
3) श्वसन दर बढ़ जाती है।
प्र.14: मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है?
उत्तर: इंसुलिन एक हार्मोन है जो अग्न्याशय ग्रंथि द्वारा स्रावित होता है। यह हार्मोन तब स्रावित होता है जब रुधिर में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है। मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में शर्करा की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है। इंसुलिन रक्त में शर्करा की मात्रा को घटाकर मधुमेह से बचाता है।
यही कारण है कि मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर की जाती है।
प्र.1: निम्नलिखित में से कौन-सा पादप हॉर्मोन है?
(a) इंसुलिन (b) थायरॉक्सिन (c) एस्ट्रोजन (d) साइटोकाइनिन
उत्तर: (d) साइटोकाइनिन
प्र.2: दो तंत्रिका कोशिका के मध्य खाली स्थान को कहते हैं-
(a) द्रुमिका (b) सिनेप्स (c) एक्सॉन (d) आवेग
उत्तर: (b) सिनेप्स
प्र.3: मस्तिष्क उत्तरदायी है:
(a) सोचने के लिए
(b) हृदय स्पंदन के लिए
(c) शरीर का संतुलन बनाने के लिए
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d) उपरोक्त सभी
प्र.4: हमारे शरीर में ग्राही का क्या कार्य है? ऐसी स्थिति पर विचार कीजिए जहाँ ग्राही उचित प्रकार कार्य नहीं कर रहे हों| क्या समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं?
उत्तर: ग्राही बाह्य वातावरण से अलग-अलग प्रकार की सूचनाओं को ग्रहण करते हैं। ये सूचनाएं संवेदी तंत्रिकाओं के माध्यम से मस्तिष्क या मेरुरज्जु तक भेज दी जाती हैं। मस्तिष्क में सूचनाओं का विश्लेषण होता है तथा मस्तिष्क मोटर तंत्रिका के माध्यम से ग्राही तक आवेग के रूप में सूचनाओं को भेज देता है।
यदि ग्राही उचित तरीके से कार्य न करें तो सूचनाओं का परिवहन अच्छे से नहीं हो पाएगा जिसके कारण कोई कार्य उचित प्रकार से नहीं हो पाएगा।
प्र.5: एक तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) की संरचना बनाइए तथा इसके कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कार्य:
तंत्रिका कोशिकाओं का कार्य हमारे शरीर के एक भाग से दूसरे भागों तक सूचनाओं का परिवहन करना है।
सूचनाएं द्रुमिका कोशिकाओं से होते हुए तंत्रिकाक्ष तथा यहाँ से सिनेप्स तक पहुँचती हैं। अब सूचनाएं सिनेप्स को पार करती हुई मेरुरज्जु तथा मस्तिष्क तक पहुँचती हैं एवं मस्तिष्क से कार्यकारी अंगों (जैसे – पेशी, ग्रंथि इत्यादि) तक जाती हैं।
प्र.6: पादप में प्रकाशानुवर्तन किस प्रकार होता है?
उत्तर : पादपों में प्रकाशानुवर्तन प्रकाश उद्दीपन के कारण होता है। पौधों में गति ऑक्सिन नामक हार्मोन के कारण होती है। जब सूर्य का प्रकाश पौधे पर पड़ता है तो ऑक्सिन नामक हार्मोन की गति विपरीत दिशा में होती है जिससे पौधे का भाग सूर्य के प्रकाश की ओर झुक या मुड़ जाता है। इस प्रकार पौधों में प्रकाशानुवर्तन होता है।
प्र.7: मेरुरज्जु आघात में किन संकेतों के आने में व्यवधान होगा?
उत्तर : मेरुरज्जु आघात में निम्नलिखित संकेतो के आने में व्यवधान होगा –
➤ मेरुरज्जु से मस्तिष्क तक तथा मस्तिष्क से मेरुरज्जु में जाने तथा आने वाले सूचनाओं में व्यवधान होगा।
➤ प्रतिवर्ती क्रिया अच्छे से पूर्ण नहीं हो पाएगी।
➤ मेरुरज्जु आघात के कारण व्यक्ति कभी-कभी बेहोश हो सकता है तथा कोमा में भी जा सकता है।
प्र.8: पादप में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है?
उत्तर : पादपों में विशेष प्रकार का रासायनिक पदार्थ पाया जाता है, जिसे पादप हार्मोन कहते हैं। ये हार्मोन पौधों में स्रावित होते हैं तथा क्रियास्थल तक पहुंचकर अपना कार्य करते हैं। जैसे – ऑक्सिन पौधों की लंबाई को नियंत्रित करता है।
प्र.9: एक जीव में नियंत्रण एवं समन्वय के तंत्र की क्या आवश्यकता है?
उत्तर : सजीवों के शरीर के अंदर विभिन्न प्रकार की जैविक रासायनिक अनुक्रियाएं होती हैं। जिसकी सहायता से सजीव किसी भी प्रकार के पर्यावरण में जीवित रह लेते हैं। विभिन्न कार्य करने के लिए नियंत्रण एवं समन्वय तंत्र की आवश्यकता पड़ती है जो तंत्रिका तंत्र तथा हार्मोन तंत्र के द्वारा नियंत्रित की जाती है।
उदाहरण: दौड़ना, सोचना, सांस लेना, खेलना आदि।
प्र.10: अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
अनैच्छिक क्रिया:
➤ यह क्रिया प्रायः मेडुला (पश्च मस्तिष्क) के द्वारा नियंत्रित की जाती है।
➤ इस क्रिया को होने में अधिक समय लगता है।
➤ इस क्रिया में सोचने की आवश्यकता पड़ती है।
➤ उदाहरण: हृदय पेशी का संकुचन, रक्तदाब, लार का स्राव आदि।
प्रतिवर्ती क्रिया:
➤ यह क्रिया प्रायः मेरुरज्जु के द्वारा नियंत्रित की जाती है।
➤ इस क्रिया को होने में कम समय लगता है।
➤ इस क्रिया में सोचने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
➤ उदाहरण: गर्म वस्तु छूने पर हाथ तुरंत खींच लेना, भोजन देखकर मुंह में पानी आना आदि।
प्र.11: जन्तुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हॉर्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक कीजिए:
तंत्रिका द्वारा नियंत्रण एवं समन्वय:
➤ इसमें सूचनाओं का संचरण तंत्रिका कोशिकाओं से होता है।
➤ इसमें संचरण विद्युत रसायन (Electrical Impulse) के रूप में होता है।
➤ इसका प्रभाव तुरंत दिखाई देता है।
➤ यह क्रिया आवश्यकता पड़ने पर ही होती है।
➤ प्रतिक्रिया तेज होती है।
हॉर्मोन द्वारा नियंत्रण एवं समन्वय:
➤ इसमें सूचनाओं का संचरण रक्त के माध्यम से होता है।
➤ इसमें संचरण रासायनिक पदार्थ (Chemical Hormone) के रूप में होता है।
➤ इसका प्रभाव धीरे-धीरे दिखाई देता है।
➤ यह क्रिया लगातार होती रहती है।
➤ प्रतिक्रिया धीमी होती है।
प्र.12: छुई-मुई पादप में गति तथा हमारी टाँग में होने वाली गति के तरीके में क्या अंतर है?
छुई – मुई पादप में गति:
➤ इसमें उद्दीपन की आवश्यकता होती है।
➤ जल की गति के कारण कोशिकाएँ आकार बदलती हैं।
➤ इसमें तंत्रिका कोशिका या मस्तिष्क की आवश्यकता नहीं होती है।
हमारी टाँग में गति:
➤ इसमें उद्दीपन की आवश्यकता नहीं होती है।
➤ जल की मात्रा का कोई प्रभाव नहीं होता।
➤ इसमें तंत्रिका कोशिका और मस्तिष्क की आवश्यकता होती है।