📘 त्रिकोणमिति - अभ्यास प्रश्न
ये प्रश्न परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जिन्हें हर विद्यार्थी को जरूर तैयार करना चाहिए ✅
प्र.1: दो घनों, जिनमें से प्रत्येक का आयतन 64 cm³ है, के संलग्न फलकों को मिलाकर एक ठोस घनाभ बनाया जाता है। इससे प्राप्त घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रत्येक घन का आयतन = 64 cm³
∴ एक घन की भुजा = ∛64 = 4 cm
दो घनों को मिलाकर बना घनाभ:
लंबाई = 4 + 4 = 8 cm, चौड़ाई = 4 cm, ऊँचाई = 4 cm
घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2(lb + bh + hl)
= 2(8×4 + 4×4 + 8×4)
= 2(32 + 16 + 32) = 2 × 80 = 160 cm²
प्र.2: कोई बर्तन एक खोखले अर्धगोले के आकार का है जिसके ऊपर एक खोखला बेलन अध्यारोपित है। अर्धगोले का व्यास 14 cm है और इस बर्तन (पात्र) की कुल ऊँचाई 13 cm है। इस बर्तन का आंतरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
अर्धगोले का त्रिज्या r = 14 / 2 = 7 cm
कुल ऊँचाई = 13 cm ⇒ बेलन की ऊँचाई = 13 - 7 = 6 cm
बेलन का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πrh = 2 × 22/7 × 7 × 6 = 264 cm²
अर्धगोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πr² = 2 × 22/7 × 7² = 308 cm²
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 264 + 308 = 572 cm²
प्र.3: एक खिलौना त्रिज्या 3.5 cm वाले एक शंकु के आकार का है, जो उसी त्रिज्या वाले एक अर्धगोले पर अध्यारोपित है। इस खिलौने की संपूर्ण ऊँचाई 15.5 cm है। इस खिलौने का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
त्रिज्या r = 3.5 cm
संपूर्ण ऊँचाई = 15.5 cm ⇒ शंकु की ऊँचाई = 15.5 - 3.5 = 12 cm
शंकु की अपवर्तक = l = √(r² + h²) = √(3.5² + 12²) = √(12.25 + 144) = √156.25 = 12.5 cm
शंकु का वक्र पृष्ठ = πrl = 22/7 × 3.5 × 12.5 = 137.5 cm²
अर्धगोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πr² = 2 × 22/7 × 3.5² = 77 cm²
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 137.5 + 77 = 214.5 cm²
प्र.4: भुजा 7 cm वाले एक घनाकार ब्लॉक के ऊपर एक अर्धगोला रखा हुआ है। अर्धगोले का अधिकतम व्यास क्या हो सकता है? इस प्रकार बने ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
चूँकि अर्धगोला घन के ऊपर रखा है, इसलिए इसका अधिकतम व्यास = घन की भुजा = 7 cm
⇒ त्रिज्या r = 7 / 2 = 3.5 cm
घन का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 6a² = 6 × 7² = 294 cm²
लेकिन ऊपर वाला एक फलक अर्धगोले से ढका है, इसलिए
प्रभावी पृष्ठीय क्षेत्रफल = 5 × 7² = 245 cm²
अर्धगोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πr² = 2 × 22/7 × 3.5² = 77 cm²
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 245 + 77 = 322 cm²
प्र.5: एक घनाकार ब्लॉक के एक फलक को अंदर की ओर से काट कर एक अर्धगोलाकार गड्ढा इस प्रकार बनाया गया है कि अर्धगोले का व्यास घन के एक किनारे के बराबर है। शेष बचे ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
मान लें घन की भुजा = a = 7 cm (जैसा पहले प्रश्न में समान रूप देखा गया)
⇒ अर्धगोले का व्यास = 7 cm ⇒ त्रिज्या r = 7/2 = 3.5 cm
घन का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 6a² = 6 × 7² = 294 cm²
लेकिन जिस फलक पर अर्धगोला काटा गया है, वह अब नहीं गिना जाएगा, उसकी जगह अर्धगोले का अंदरूनी भाग जोड़ा जाएगा:
⇒ प्रभावी घन का क्षेत्रफल = 5 × 7² = 245 cm²
+ अर्धगोले का आंतरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πr² = 2 × 22/7 × 3.5² = 77 cm²
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 245 + 77 = 322 cm²
प्र.6: दवा का एक कैप्सूल एक बेलन के आकार का है जिसके दोनों सिरों पर एक-एक अर्धगोला जुड़ा हुआ है। पूरी कैप्सूल की लंबाई 14 mm है और उसका व्यास 5 mm है। इसका पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
बेलन का व्यास = 5 mm ⇒ त्रिज्या r = 5/2 = 2.5 mm
कुल लंबाई = 14 mm
अर्धगोलों की संयुक्त लंबाई = व्यास = 5 mm ⇒ बेलन की ऊँचाई = 14 - 5 = 9 mm
बेलन का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πrh = 2 × 22/7 × 2.5 × 9 = 141.43 mm²
दो अर्धगोलों का क्षेत्रफल = 4πr² = 4 × 22/7 × (2.5)² = 4 × 22/7 × 6.25 = 78.57 mm²
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 141.43 + 78.57 = 220 mm² (लगभग)
प्र.7: कोई तंबू एक बेलन के आकार का है जिस पर एक शंकु अध्यारोपित है। यदि बेलनाकार भाग की ऊँचाई और व्यास क्रमशः 2.1 m और 4 m है तथा शंकु की तिर्यक ऊँचाई 2.8 m है तो इस तंबू के निर्माण में प्रयुक्त कैनवस का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। साथ ही, ₹500 प्रति m² की दर से इसकी लागत ज्ञात कीजिए। (ध्यान दें कि तंबू के आधार को कैनवस से नहीं ढका जाता है)
हल:
बेलन की त्रिज्या r = 4 / 2 = 2 m, ऊँचाई h = 2.1 m
शंकु की त्रिज्या = 2 m, तिर्यक ऊँचाई l = 2.8 m
बेलन का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πrh = 2 × 22/7 × 2 × 2.1 = 26.4 m²
शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl = 22/7 × 2 × 2.8 = 17.6 m²
कुल कैनवस क्षेत्रफल = 26.4 + 17.6 = 44 m²
लागत = ₹500 × 44 = ₹22,000
प्र.8: ऊँचाई 2.4 cm और व्यास 1.4 cm वाले एक ठोस बेलन में से इसी ऊँचाई और इसी व्यास वाला एक शंक्वाकार खोल (cavity) काट लिया जाता है। शेष बचे ठोस का निकटतम वर्ग सेंटीमीटर तक पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
त्रिज्या (r) = 1.4 ÷ 2 = 0.7 cm
ऊँचाई (h) = 2.4 cm
शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l):
l = √(r² + h²) = √(0.7² + 2.4²) = √(0.49 + 5.76) = √6.25 = 2.5 cm
शेष ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
= 2 × π × r × h + π × r × l
= 2 × (22/7) × 0.7 × 2.4 + (22/7) × 0.7 × 2.5
= (22/7) × 0.7 × (4.8 + 2.5)
= (22/7) × 0.7 × 7.3
= (22/7) × 5.11 ≈ 16 cm²
उत्तर: लगभग 16 cm²
प्र.9: लकड़ी के एक ठोस बेलन के प्रत्येक सिरे पर एक अर्धगोला खोदकर निकालते हुए, एक वस्तु बनाई गई है। यदि बेलन की ऊँचाई 10 cm है और आधार की त्रिज्या 3.5 cm है, तो इस वस्तु का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
त्रिज्या (r) = 3.5 cm
बेलन की ऊँचाई (h) = 10 cm
पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + दो अर्धगोले = बेलन + 1 गोला
बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πrh = 2 × (22/7) × 3.5 × 10 = 220 cm²
गोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 4πr² = 4 × (22/7) × 3.5 × 3.5 = 4 × (22/7) × 12.25 = 154 cm²
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 220 + 154 = 374 cm²
उत्तर: 374 cm²
प्र.1: एक ठोस एक अर्धगोले पर खड़े एक शंकु के आकार का है जिनकी त्रिज्याएँ 1 cm हैं तथा शंकु की ऊँचाई उसकी त्रिज्या के बराबर है। इस ठोस का आयतन π के पदों में ज्ञात कीजिए।
हल:
त्रिज्या (r) = 1 cm
शंकु की ऊँचाई (h) = 1 cm
कुल आयतन = शंकु का आयतन + अर्धगोले का आयतन
= (1/3)πr²h + (1/2) × (4/3)πr³
= (1/3)π(1)²(1) + (1/2) × (4/3)π(1)³
= (1/3)π + (2/3)π = π cm³
उत्तर: π घन सेमी
प्र.2: एक इंजीनियरिंग के विद्यार्थी रेखेल से एक पतली एल्युमिनियम की शीट का प्रयोग करते हुए एक मॉडल बनाना को कहा गया जो एक ऐसे बेलन के आकार का हो जिसके दोनों सिरों पर दो शंकु जुड़े हुए हों। इस मॉडल का व्यास 3 cm है और इसकी लंबाई 12 cm है। यदि प्रत्येक शंकु की ऊँचाई 2 cm हो तो रेखेल द्वारा बनाए गए मॉडल में अंतर्विष्ट हवा का आयतन ज्ञात कीजिए। (यह मान लीजिए कि मॉडल की आंतरिक और बाहरी विमाएँ लगभग बराबर हैं।)
हल:
व्यास = 3 cm ⇒ त्रिज्या (r) = 1.5 cm
कुल लंबाई = 12 cm
शंकु की ऊँचाई = 2 cm
⇒ बेलन की ऊँचाई = 12 - 2 - 2 = 8 cm
आयतन = बेलन का आयतन + दो शंकुओं का आयतन
= πr²h + 2 × (1/3)πr²h
= π × (1.5)² × 8 + 2 × (1/3)π × (1.5)² × 2
= π × 2.25 × 8 + (4/3)π × 2.25
= π × 18 + π × 3 = 21π cm³
उत्तर: 21π घन सेमी
प्र.3: एक गुलाबजामुन में उसके आयतन की लगभग 30% चीनी की चाशनी होती है। 45 गुलाबजामुनों में लगभग कितनी चाशनी होगी, यदि प्रत्येक गुलाबजामुन एक बेलन के आकार का है, जिसके दोनों सिरे अर्धगोला हैं तथा इसकी लंबाई 5 cm और व्यास 2.8 cm है (देखिए आकृति 12.15)।
हल:
व्यास = 2.8 cm ⇒ त्रिज्या (r) = 1.4 cm
कुल लंबाई = 5 cm
⇒ बेलन की ऊँचाई = 5 - 2×1.4 = 2.2 cm
एक गुलाबजामुन का आयतन = बेलन का आयतन + 2 अर्धगोले (यानि 1 गोला)
= πr²h + (4/3)πr³
= π × (1.4)² × 2.2 + (4/3)π × (1.4)³
= π × 1.96 × 2.2 + (4/3)π × 2.744
= π × 4.312 + π × 3.658
= π × (4.312 + 3.658) = π × 7.97 ≈ 25.03 cm³ (लगभग)
45 गुलाबजामुनों का कुल आयतन = 45 × 25.03 ≈ 1126.35 cm³
चाशनी = 30% of 1126.35 = (30/100) × 1126.35 ≈ 338 cm³
उत्तर: लगभग 338 घन सेमी चाशनी
प्र.4: एक कलमदान घनाभ के आकार की एक लकड़ी से बना है जिसमें कलम रखने के लिए चार बेलनाकार गड्ढे बने हुए हैं। घनाभ की विमाएँ 15 cm × 10 cm × 3.5 cm हैं। प्रत्येक गड्ढे की त्रिज्या 0.5 cm है और गहराई 1.4 cm है। पूरे कलमदान में लकड़ी का आयतन ज्ञात कीजिए। (देखिए आकृति 12.16)
हल:
घनाभ का आयतन = लंबाई × चौड़ाई × ऊँचाई = 15 × 10 × 3.5 = 525 cm³
एक बेलनाकार गड्ढे का आयतन = πr²h = 3.14 × (0.5)² × 1.4 = 3.14 × 0.25 × 1.4 ≈ 1.099 cm³
चार गड्ढों का कुल आयतन = 4 × 1.099 ≈ 4.396 cm³
शुद्ध लकड़ी का आयतन = घनाभ का आयतन - गड्ढों का आयतन = 525 - 4.396 ≈ 520.60 cm³
उत्तर: लगभग 520.60 घन सेमी लकड़ी
प्र.5: एक बर्तन एक उल्टे शंकु के आकार का है। इसकी ऊँचाई 8 cm है और इसके ऊपरी सिरे (जो खुला हुआ है) की त्रिज्या 5 cm है। यह ऊपर तक पानी से भरा हुआ है। जब इस बर्तन में स्टील की कुछ गोलियाँ जिनमें प्रत्येक 0.5 cm त्रिज्या वाली एक गोली है, डाली जाती हैं, तो इनमें से कुछ हुए पानी का एक चौथाई भाग बाहर निकल जाता है। बर्तन में डाली गई गोलियों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
शंकु का आयतन = (1/3)πr²h = (1/3) × 3.14 × (5)² × 8 = (1/3) × 3.14 × 25 × 8 = 209.33 cm³
बाहर निकला पानी = (1/4) × 209.33 ≈ 52.33 cm³
एक गोली का आयतन = (4/3)πr³ = (4/3) × 3.14 × (0.5)³ = (4/3) × 3.14 × 0.125 ≈ 0.523 cm³
आवश्यक गोलियाँ = कुल बाहर निकला पानी ÷ एक गोली का आयतन = 52.33 ÷ 0.523 ≈ 100
उत्तर: लगभग 100 गोलियाँ
प्र.6: ऊँचाई 220 cm और आधार व्यास 24 cm वाले एक बेलन, जिस पर ऊँचाई 60 cm और त्रिज्या 8 cm वाला एक शंकु ऊपर आरारोपित है, से लोहे का एक स्तंभ बना है। इस स्तंभ का आयतन ज्ञात कीजिए, जबकि दिया है कि 1 cm³ लोहे का घनत्व लगभग 8 g होता है। (π = 3.14 लीजिए।)
हल:
बेलन की त्रिज्या = 24/2 = 12 cm
बेलन का आयतन = πr²h = 3.14 × 12² × 220 = 3.14 × 144 × 220 = 99379.2 cm³
शंकु का आयतन = (1/3)πr²h = (1/3) × 3.14 × 8² × 60 = (1/3) × 3.14 × 64 × 60 = 4021.87 cm³
कुल आयतन = 99379.2 + 4021.87 ≈ 103401.07 cm³
द्रव्यमान = आयतन × घनत्व = 103401.07 × 8 ≈ 827208.56 g = 827.21 kg
उत्तर: आयतन = 103401.07 cm³ और द्रव्यमान = लगभग 827.21 किलोग्राम
प्र.7: एक नली में, जिसकी 120 cm और त्रिज्या 60 cm वाली एक शंकु संलग्नित है, जो 60 cm त्रिज्या वाले एक बेलन पर आरारोपित है और जिसकी ऊँचाई 60 cm है, पूरे रूप में पानी से भर दी जाती है। इस प्रकार सीधा रख दिया जाता है कि शंकु नीचे की ओर हो। (π = 3.14 और त्रिज्या 60 cm है)। यदि इस नली की कुल ऊँचाई 180 cm है तो लोहे में शेष भाग पानी से नहीं भरा है, उसका आयतन ज्ञात कीजिए।
हल:
बेलन की ऊँचाई = 60 cm, शंकु की ऊँचाई = 120 cm, त्रिज्या = 60 cm
बेलन का आयतन = πr²h = 3.14 × 60² × 60 = 3.14 × 3600 × 60 = 678240 cm³
शंकु का आयतन = (1/3)πr²h = (1/3) × 3.14 × 60² × 120 = (1/3) × 3.14 × 3600 × 120 = 452160 cm³
कुल आयतन = 678240 + 452160 = 1130400 cm³
पानी से भरा भाग = शंकु का भाग (नीचे है) = 452160 cm³
शेष = बेलन का भाग - भरा हुआ पानी = 678240 - 452160 = 226080 cm³
उत्तर: शेष भाग = 226080 घन सेमी
प्र.8: एक गलासनुमा पात्र बेलन और गोले से बना है, जिसमें गोले की गर्दन के पास बेलन की ऊँचाई 8 cm है और व्यास 2 cm है तथा गोले का त्रिज्या और व्यास 8.5 cm है। इसमें पूरा पानी भरने पर उसके ऊपरी सिरे तक आता है, एक बच्चे ने इसे पी लिया, फिर वह पात्र खाली हो गया। यदि इस पात्र का आयतन लगभग 345 cm³ है और गोलाकार भाग एक अर्द्धगोला है और यह सही है, तब मानते हुए कि ऊपरदत्त मानों का प्रयोग करें और π = 3.14।
हल:
बेलन की त्रिज्या = 1 cm, ऊँचाई = 8 cm
बेलन का आयतन = πr²h = 3.14 × 1² × 8 = 25.12 cm³
कुल आयतन = 345 cm³
अर्द्धगोले का आयतन = कुल - बेलन = 345 - 25.12 = 319.88 cm³
अर्द्धगोले का आयतन सूत्र: (1/2) × (4/3)πr³ = (2/3)πr³
मान लें r = 4.25 cm ⇒ (2/3) × 3.14 × (4.25)³ = (2/3) × 3.14 × 76.77 ≈ 160.72 cm³
लेकिन हमें मिला था 319.88 cm³, इसका अर्थ है त्रिज्या या मानों में त्रुटि हो सकती है, फिर भी अनुमानतः:
उत्तर: बेलन = 25.12 cm³, अर्द्धगोला = 319.88 cm³