अध्याय 2: बहुपद (Polynomials) 📘
📋 Table of Contents
परिचय और कुछ परिभाषाएं ✍️
🔢 बहुपद क्या है?
बहुपद वह गणितीय अभिव्यक्ति है जिसमें एक या अधिक चर (variables) और अचर (constants) होते हैं, जो जोड़, घटाव, या गुणा द्वारा जुड़े होते हैं। बहुपद में अज्ञात की घातें केवल पूर्णांक होती हैं, अर्थात अज्ञात का कोई ऋणात्मक घात या भिन्न घात नहीं होता।
उदाहरण:
- x² - 4x + 7
- 1/x
+ 2
- √x + 5
- 1/x²
बहुपद में अचर की केवल सकारात्मक पूर्णांक घातें होती हैं, और इसमें कोई भिन्न या ऋणात्मक घात नहीं हो सकता।
📚 बहुपद के प्रकार (घात के आधार पर)
(1) एकघातीय बहुपद (Linear Polynomial) –
- अधिकतम घात 1 होती है।
- उदाहरण: f(x) = 3x + 5
(2) द्विघात बहुपद (Quadratic Polynomial) –
- अधिकतम घात 2 होती है।
- उदाहरण: f(x) = x² + 2x + 1
(3) त्रिघात बहुपद (Cubic Polynomial) –
- अधिकतम घात 3 होती है।
- उदाहरण: f(x) = x³ – x² + 2x – 3
(4) चतुघात बहुपद (Quartic Polynomial) –
- अधिकतम घात 4 होती है।
- उदाहरण: f(x) = x⁴ + 2x² – 5
(5) पंचघात बहुपद (Quintic Polynomial) –
- अधिकतम घात 5 होती है।।
- उदाहरण: f(x) = 2x⁵ – x³ + x
📚 बहुपद के प्रकार (पदों की संख्या के आधार पर)
(1) एकपदी बहुपद (Monomial) –
- ऐसा बहुपद जिसमें केवल एक पद होता है।
- उदाहरण: 3x²
(2) द्विपदी बहुपद (Binomial) –
- ऐसा बहुपद जिसमें दो पद होते हैं।
- उदाहरण: x + 5
(3) त्रिपदी बहुपद (Trinomial) –
- ऐसा बहुपद जिसमें तीन पद होते हैं।
- उदाहरण: x² + 2x + 1
(4) बहुपदी बहुपद (Polynomial with more than three terms) –
- ऐसा बहुपद जिसमें तीन से अधिक पद होते हैं।
- उदाहरण: x⁴ + x³ – x² + 2x – 1
📚 बहुपद के प्रकार (चर की संख्या के आधार पर)
(1) एक-चर बहुपद (Univariate Polynomial) –
- ऐसा बहुपद जिसमें केवल एक ही चर होता है।
- उदाहरण: f(x) = x² + 3x + 2
(2) द्वि-चर बहुपद (Bivariate Polynomial) –
- ऐसा बहुपद जिसमें दो चर होते हैं।
- उदाहरण: f(x, y) = x² + 2xy + y²
(3) बहु-चर बहुपद (Multivariate Polynomial) –
- ऐसा बहुपद जिसमें तीन या उससे अधिक चर होते हैं।
- उदाहरण: f(x, y, z) = x² + yz – 3xyz
- 455 = 42 × 10 + 35
- 42 = 35 × 1 + 7
- 35 = 7 × 5 + 0
बहुपद का मान (Value of Polynomial) 📈
जब किसी बहुपद f(x) में x के स्थान पर कोई निश्चित संख्या रखी जाती है, तो उस परिकलित मान को उस बहुपद का मान कहा जाता है।
अर्थात्, यदि f(x) = 2x² + 3x + 1 हो और x = 2 रखा जाए, तो प्राप्त मान f(2) = 15 कहलाएगा, जो उस बहुपद का मान है।
महत्वपूर्ण तथ्य :
बहुपद का मान निकालने के लिए x के स्थान पर दिए गए मान को रखकर साधारण गणना की जाती है।
बहुपद का मान किसी भी बिंदु (x) पर उस बिंदु पर ग्राफ का y मान दर्शाता है।
शून्यक जाँचने में भी बहुपद के मान की गणना की जाती है (f(x) = 0 है या नहीं)।
उदाहरण :
मान लीजिए हमारे पास एक बहुपद है:
f(x) = 2x² + 3x + 1
यदि x = 2 रखा जाए,
तो f(2) = 2(2)² + 3(2) + 1 = 2×4 + 6 + 1 = 8 + 6 + 1 = 15
इसलिए x = 2 पर बहुपद का मान 15 है।
बहुपद के शून्यक ( Zeros of Polynomial ) 🧮
किसी बहुपद के उन मानों को शून्यक (Zeros) या मूल (Roots) कहा जाता है, जिन पर बहुपद का मान शून्य (0) हो जाता है। अर्थात्, यदि किसी बहुपद f(x) के लिए f(a) = 0, तो x = a उस बहुपद का एक शून्यक कहलाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य :
किसी n-घातीय बहुपद के अधिकतम n शून्यक हो सकते हैं।
यदि सभी शून्यक ज्ञात हैं, तो बहुपद को गुणनखंड (factors) के रूप में लिखा जा सकता है।
ग्राफ पर बहुपद के शून्यक वे बिंदु होते हैं जहाँ ग्राफ x-अक्ष को काटता है।
उदाहरण :
मान लीजिए हमारे पास एक बहुपद है:
f(x) = x² - 5x + 6
अब इसे हल करें:
x² - 5x + 6 = 0
⇒ (x - 2)(x - 3) = 0
तो x = 2 और x = 3 इस बहुपद के शून्यक हैं क्योंकि इन मानों पर f(x) = 0 होता है।
किसी बहुपद के शून्यकों के योग और गुणांकों में संबंध 🧮
यदि कोई बहुपद ax² + bx + c है और इसके शून्यक α और β हैं, तो शून्यकों का योग और गुणनफल बहुपद के गुणांकों के साथ निम्न प्रकार से जुड़ा होता है:
1. द्विघात बहुपद (Quadratic Polynomial) :
बहुपद: f(x) = ax² + bx + c
मान लीजिए इसके शून्यक α और β हैं।
शून्यकों का योग (α + β) = –b / a
शून्यकों का गुणनफल (α × β) = c / a
उदाहरण :
f(x) = x² – 5x + 6
यहाँ a = 1, b = –5, c = 6
तो,
शून्यकों का योग = –(–5)/1 = 5
शून्यकों का गुणनफल = 6/1 = 6
2. त्रिघात बहुपद (Cubic Polynomial) :
बहुपद: f(x) = ax³ + bx² + cx + d
यदि इसके शून्यक α, β, γ हैं, तो
शून्यकों का योग (α + β + γ) = –b / a
शून्यकों का गुणनफल (αβγ) = –d / a
यह संबंध वियेट के सूत्र (Vieta's Formula) के नाम से जाना जाता है और यह केवल तभी लागू होता है जब शून्यक वास्तविक या कल्पनिक कोई भी हों, परन्तु बहुपद पूर्णांक या वास्तविक गुणांकों वाला हो।